चार भुजाओं से घिरी वह आकृति जिसकी चारो भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक कोण समकोण अर्थात 90° का हो, उसे वर्ग कहते हैं। Show दूसरे शब्दों में, ऐसी आकृति जिसकी सभी भुजाएँ बराबर हो तथा प्रत्येक कोण समकोण हो एवं चारों भुजाओं का योग 360° हो वर्ग कहलाता हैं। गणितज्ञों के विचारधारा के अनुसार, ज्यामिति में, एक वर्ग द्वि-आयामी समतल आकृति है, जिसमें चार समान भुजाएँ होती हैं, तथा वर्ग के सभी कोण 90 डिग्री के बराबर होते हैं. वर्ग के सभी पक्ष समान लम्बाई एवं समान कोण के समतल आकृति है जिसका गुणधर्म लगभग अन्य चतुर्भुज से थोड़ा-सा भिन्न होता है. सामान्यतः आयत के गुण कुछ हद तक एक वर्ग के लगभग समान होता हैं, क्योंकि दोनों की आकृति लगभग समान ही होता है. आयत में केवल विपरीत भुजाएँ समान होती हैं, इसलिए, एक आयत को एक वर्ग कहा जा सकता है, जब उसके सभी चार हिस्से समान लंबाई के हों. सभी आवश्यक Varg ki Paribhasha, गुणधर्म एवं वर्ग का विकर्ण, आदि का विस्तृत जानकरी यहाँ किया गया है जो ज्यामिति आपको आच्छा पकड़ बनाने में मदद करेगा. Table of Contents
वर्ग किसे कहते है: Varg ki Paribhashaचार भुजाओं से घिरी वह बंद आकृति जिसकी चारों भुजाएं एक दुसरें से बराबर हों तथा चारों कोण समकोण यानी 90 डिग्री के हों, वह वर्ग कहलाता है. दुसरें शब्दों में, वैसी आकृति जिसकी सभी भुजाएँ बराबर हो तथा प्रत्येक कोण 90 डिग्री या समकोण हो एवं चारों भुजाओं का योग 360 हो, उसे वर्ग कहा जाता है. साथ ही वर्ग के विकर्ण बराबर एक दुसरें के बराबर होते हैं तथा एक दूसरे को 90 डिग्री पर द्विभाजित करते हैं.
Note:- वर्ग का विकर्णसामान्यतः वर्ग का विकर्ण एक ऐसा खण्ड है जो वर्ग के दो विपरीत शीर्षों को आपस में जोड़ता है. विकर्ण की लम्बाई दुसरें से समान एवं समरूप होता है. विकर्ण वर्ग की सबसे बड़ी भुजा होती है, जो वर्ग दो बराबर भागो में विभक्त करती है. दुसरें शब्दों में, वर्ग में खींची गई सबसे लंबी रेखा को विकर्ण कहा जाता है. वर्ग के विकर्ण का सूत्रवर्गाकार आकृति में विकर्ण ज्ञात करने के लिए भुजाओं का मान ज्ञात होना अनिवार्य होता है. यदि किसी स्थति में भुजा नही दिया रहे, तो वर्ग का क्षेत्रफल या परिमाप से विकर्ण, निम्न फार्मूला का प्रयोग कर निकाला जा सकता है. पाईथागोरस प्रमेय से, लम्ब = विकर्ण
अतः d = √2 (a)2 विकर्ण = a √2 जहाँ a वर्ग की भुजा है.
वर्ग का परिमाप और क्षेत्रफलक्षेत्रफल और परिमाप वर्ग के प्रमुख दो गुण है जो इसे एक वर्ग के रूप में परिभाषित करता है. ऐसे फार्मूला का प्रयोग प्रश्न को हल करने के लिए अलग-अलग रूप किया जाता है. वर्ग का क्षेत्रफल: मुख्यतः वर्ग का क्षेत्रफल दो-आयामी विमाओं द्वारा घिराहुआ क्षेत्र है जो भुजाओं के वर्ग के बराबर होता है.
वर्ग का परिमाप: वर्ग की परिधि इसके सभी चार भुजाओं के योग के बराबर होता है, अर्थात, चारों भुजाओं का जोड़ परिमाप है, तथा परिधि की इकाई वर्ग की लंबाई के समान होती है.
वर्ग का गुणधर्म
महत्वपूर्ण तथ्यVarg ki Paribhasha के अनुसार वर्ग को सम चतुर्भुज भी कहा जाता है. क्योकिं, सम चतुर्भुज में विपरीत भुजाएँ भी समान होती है. वर्ग एक चार भुजाओं वाला बहुभुज है, जिसकी लंबाई सभी भुजाओं के समान हैं. यहाँ सभी आवश्यक वर्ग की परिभाषा, सूत्र एवं गुणधर्म उपलब्ध है जितना किसी एग्जाम में जरुरत होता है. उम्मीद है आपको अवश्य पसंद आएगा. jikesh kumar Hey, मैं Jikesh Kumar, Focusonlearn का Author & Founder हूँ. शिक्षा और शिक्षण शैली को सम्पूर्ण भारत में प्रसार के लिए हम अन्तःमन से कार्यरत है. शिक्षा एवं सरकारी योजना से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी इस वेबसाइट के माध्यम से प्रदान किया जाता है जो शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने में सक्षम है. वर्ग में विकर्ण की संख्या कितनी होती है?वर्ग के दोनों विकर्ण सामान होते हैं। दोनों विकर्ण एक दूसरे को समकोण पर समद्विभाजित करते हैं। आमने सामने की भुजाएं बराबर और समांतर होती हैं। वर्ग एक चक्रीय चतुर्भुज होता हैं।
आयत और वर्ग में कितने विकर्ण होते हैं?Q. आयत में कितने विकर्ण होते हैं? Ans. आयत में दो विकर्ण होते हैं।
विकर्ण कैसे निकाला जाता है?लंबाई और चौड़ाई का वर्ग (Square) लें, फिर इन दोनों को जोड़ दें: याद रखें, संख्या का वर्ग लेने का मतलब है संख्या को उसी से गुणा करना। की वैल्यू देगा, जो त्रिभुज का कर्ण (Hypotenuse) है, और आयत का विकर्ण (Diagonal) है। तभी, एक आयत जिसकी चौड़ाई 3 सेंटीमीटर और लंबाई 4 सेंटीमीटर है, तो उसका विकर्ण 5 सेंटीमीटर होगा।
वर्ग के विकर्ण परस्पर क्या होते हैं?वर्ग वह समांतर चतुर्भुज है, जिसमें आसन्न भुजाएँ बराबर होती हैं और एक कोण 90° का होता है। एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं, सम्मुख कोण बराबर होते हैं तथा विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं। एक समचतुर्भुज में विकर्ण परस्पर समकोण पर प्रतिच्छेद करते हैं। एक आयत में विकर्ण बराबर होते हैं।
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