क्रेडिट कार्ड से क्या काम होता है? - kredit kaard se kya kaam hota hai?

क्रेडिट कार्ड आपको बैंक की तरफ से दी जाने वाली एक सुविधा है, जो पहले पैसे खर्च करने और बाद में उसे चुकाने की सहूलियत देता है. आप क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन या ऑफलाइन पेमेंट कर सकते हैं.

क्या आप जानते हैं कैसे काम करता है आपका क्रेडिट कार्ड? आइए इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं.

1. बैंक किस आधार पर देते हैं क्रेडिट कार्ड?
यह वास्तव में दो पक्षों के बीच लेनदेन का एक करार है. जब आप क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक यह चेक करता है कि आपकी उधार लेने और उसे चुकाने की क्षमता क्या है.

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अगर आप बैंक से उधार रकम लेने के बाद उसे चुकाने योग्य हैं, तभी बैंक आपको क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं. आप क्रेडिट कार्ड से रकम खर्च कर वास्तव में कार्ड जारी करने वाले बैंक से रकम उधार लेते हैं, जिसे आपको तय समय में चुकाना पड़ता है.

2. पैसे चुकाने के लिए 60 दिन का समय
अगर आप समय पर क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाते तो आपको उस पर जुर्माना भरना पड़ता है. हर बिलिंग साइकिल के अंत में आपको बिल की न्यूनतम रकम जरूर चुकानी चाहिए. क्रेडिट कार्ड का बिल जेनरेट होने और खरीदारी करने के बीच आपको 50-60 दिन की कर्जमुक्त अवधि मिलती है.

अगर आप समय से क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल चुका देते हैं तो आपको कोई पेनाल्टी नहीं देनी होती, आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होता जाता है. अगर आप क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर नहीं चुकाते तो आप पर ब्याज की रकम जमा होती है. कई बार बकाया रकम और फाइनेंस चार्ज पर भी लेट पेमेंट लगता रहता है.

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क्रेडिट कार्ड में शामिल पक्ष
  1. मर्चेंट या सेलर: वे पॉइंट ऑफ़ सेल (POS) टर्मिनल का प्रयोग करते हैं. इसी टर्मिनल पर ग्राहक कार्ड स्वाइप कर मर्चेंट को पेमेंट करते हैं.
  2. पेमेंट गेटवे: यह POS का ऑनलाइन वर्जन है. अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग या बिल पेमेंट करते हैं तो आप पेमेंट गेटवे के जरिये ही भुगतान करते हैं. यह ऑनलाइन खरीदारी में आपके भुगतान को अधिकृत करता है. (पेयू मनी या वेरी साइन आदि)
  3. भुगतान पाने वाला: यह बैंक या NBFC होता है जो मर्चेंट को क्रेडिट कार्ड से हुए पेमेंट के बदले भुगतान करता है. भुगतान पाने वाला संस्थान ही POS टर्मिनल उपलब्ध कराता है.
  4. एसोसियेशन या नेटवर्क: पेमेंट प्रोसेसिंग नेटवर्क वास्तव में क्रेडिट कार्ड से किये गए पेमेंट की प्रक्रिया से जुड़ी सभी औपचारिकता पूरी करता है. इसमें प्रक्रिया, अधिकृत करना और पेमेंट वसूलने जैसे काम शामिल हैं. वीज, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस आदि ऐसे ही नेटवर्क हैं.
  5. पेमेंट प्रोसेसर्स: यह सभी आंकड़ों को इकट्ठा करने और नेटवर्क को भेजने की प्रक्रिया है. सबसे पहले इसमें सही नेटवर्क की पहचान की जाती है. इसके लिए क्रेडिट कार्ड के शुरुआती चार और आखिरी चार अंक काम आते हैं.

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क्या है इसकी प्रक्रिया?
  • जब आप किसी POS टर्मिनल पर क्रेडिट कार्ड स्वाइप करते हैं तो सबसे पहले नेटवर्क कनेक्शन के जरिये मर्चेंट के पास संदेश जाता है. इसके बाद कार्ड जारी करने वाले बैंक के पास पेमेंट को अधिकृत करने के लिए संदेश भेजा जाता है.
  • इसके बाद कार्ड जारी करने वाला बैंक यह देखता है कि क्या ग्राहक के खाते में कर्ज की इतनी रकम उपलब्ध है या नहीं.
  • अगर ग्राहक के क्रेडिट अकाउंट में रकम उपलब्ध है तो इसके बाद बैंक इस ट्रांजेक्शन को अधिकृत कर देता है.
  • ट्रांजेक्शन अधिकृत होते ही POS टर्मिनल अप्रूव मैसेज दिखाता है और एक स्लिप प्रिंट हो जाती है. मर्चेंट इस स्लिप को बैंक अकाउंट में जमा कर देता है जिसके बाद उसके बैंक खाते में पेमेंट आ जाता है.

चूंकि किसी एक POS टर्मिनल से दिन भर में कई ट्रांजेक्शन होते हैं. आप भी अपने क्रेडिट कार्ड से दिन भर में कई बार खरीदारी कर सकते हैं. इस हिसाब से हर ट्रांजेक्शन को ट्रैक करने के लिए ट्रांजेक्शन नंबर दिया जाता है. इसमें शामिल हर पक्ष की एक फीस होती है.


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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्रेडिट कार्ड (Credit Card) आपको एक निर्धारित समय के लिए बिना ब्याज के पैसे उधार लेने की सुविधा देते हैं। खर्च करने और फिर बिल का पेमेंट करने के लिए ठीक-ठाक समय मिल जाने के कारण यह सुविधा काफी लोकप्रिय हैं। हालांकि अगर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से उपयोग किया जाए तो क्रेडिट कार्ड आपके लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं। यहां हम आपको क्रेडिट कार्ड के बारे में ऐसी जरूरी 10 बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में पता होना आपके लिए बहुत जरूरी है।

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सभी तरह की फीस के बारे में पता हो

क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक कई तरह के शुल्क लगाते हैं। इसमें कार्ड जारी होने की फीस, वार्षिक फीस, कार्ड बदलने की फीस, स्टेटमेंट फीस आदि होती हैं। यदि आप पहली बार क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं तो इनके बारे में ठीक से जान लें।

ब्याज दर

क्रेडिट कार्ड कम अवधि के ऋण के रूप में काम करते हैं, जिस पर कोई ब्याज नहीं लगता है, बशर्ते देय राशि का समय पर भुगतान किया गया हो। आमतौर पर यह ब्याज-मुक्त अवधि 50 दिनों तक की होती है। आपके पास बकाया चुकाने के लिए क्रेडिट चक्र के पहले दिन से शुरू होने वाले 50 दिन होते हैं। यदि आप समय सीमा चूक जाते हैं, तो आपसे बकाया बिल राशि पर लेट फीस या और ब्याज वसूला जाता है।

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क्रेडिट लिमिट

क्रेडिट कार्ड से आप कितना पैसा खर्च कर सकते हैं, इसकी एक सीमा होती है। आप उसी लिमिट के भीतर पैसा खर्च कर सकते हैं। क्रेडिट लिमिट कार्डधारक के क्रेडिट स्कोर, पेमेंट हिस्ट्री, आय और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो जैसी चीजों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।

न्यूनतम बकाया राशि

आपके कार्ड की ब्याज-मुक्त अवधि के अंत में आपको या तो कुल बकाया या न्यूनतम देय राशि (एमएडी) का भुगतान करना होगा। देय न्यूनतम राशि आमतौर पर बकाया बिल राशि का 5 फीसद होती है। न्यूनतम देय राशि का भुगतान करके क्रेडिट कार्ड को एक्टिव रखा जा सकता है, हालांकि बकाया राशि पर ब्याज लगता रहेगा।

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क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट

हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट पर ध्यान दें। आपने क्या खर्च किया, कहां किया, इससे संबंधित विवरण रहते हैं। इन विवरणों के माध्यम से जाने से आपको किसी भी लेन-देन की त्रुटियों का पता लगाने में मदद मिल सकती है।

क्रेडिट साइकिल

लेट फीस या ब्याज के भुगतान करने से बचने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड के बिलिंग चक्र को समझें। उदाहरण के लिए, यदि आपका क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट हर महीने की 2 तारीख को जेनरेट होता है तो इसका मतलब है कि आपका क्रेडिट चक्र पिछले महीने की 3 तारीख से शुरू होता है और चालू महीने की 2 तारीख को समाप्त होता है। देय राशि का भुगतान करने के लिए आपको अपने बिलिंग चक्र की शुरुआत से 50 दिन का समय मिलेगा।

रिवॉर्ड और कैशबैक

क्रेडिट कार्ड आपके खरीदारी के अनुभव को कैशबैक ऑफर और रिवॉर्ड से और बेहतर बनाते हैं। नियमित उपयोग के साथ आप रिवॉर्ड पॉइंट हासिल कर सकते हैं या तमाम मर्चेंट्स के पास शॉपिंग ऑफर्स लाभ उठा सकते हैं।

कैश की सुविधा

डेबिट कार्ड की तरह आप एटीएम से नकदी निकालने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। हालाकि, इस पर ब्याज अधिक लगता है।

वार्षिक शुल्क

क्रेडिट कार्ड के लिए आपको हर महीने कुछ न कुछ फीस देनी होती है। कुछ बैंक कोई फीस नहीं वसूलते।

क्रेडिट स्कोर बिल्डिंग

एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग जिम्मेदारी से करना चाहिए। अगर आपने इसमें कोई लापरवाही बरती तो भविष्य में बैंक लोन एप्लिकेशन को कैंसिल कर सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड से क्या क्या कर सकते हैं?

क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा है यह कि जब भी आप इसके जरिए कोई खरीदारी करते हैं तो आपको खरीदारी और पेमेंट के बीच एक ग्रेस पीरियड मिलता है. इस पीरियड में बैंक की ओर से ब्याज नहीं वसूला जाता है. ये ग्रेस पीरियड 18 दिनों से लेकर 55 दिन तक का भी हो सकता है.

क्रेडिट कार्ड पर कितना चार्ज लगता है?

सालाना चार्ज आमतौर पर ये 500 से 3,000 रुपए तक हो सकती है. हालांकि कुछ बैंक ऐसे भी हैं जो इस चार्ज को नहीं लेते हैं या अगर आप एक तय सीमा से अधिक के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो वे इस चार्ज को वापस कर देते हैं. ऐसे में क्रेडिट कार्ड लेने से पहले आप इसके सालाना चार्ज के बारे में पता कर लें.

क्रेडिट कार्ड से पैसा कैसे निकाला जाता है?

Credit Card से ATM से पैसे कैसे निकाले ? दोस्तों Credit Card से ATM में पैसा निकालने का Same वही प्रोसेस है जो प्रोसेस आप डेबिट कार्ड से करते हैं यानी कि जिस तरह से आप डेबिट कार्ड से ATM में जाकर पैसा निकालते हैं उसी तरह से आप Credit Card से भी ATM में जाकर पैसा निकाल सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड के 3 नुकसान क्या हैं?

क्रेडिट कार्ड के कुछ नुकसान हैं, जैसे उच्च ब्याज शुल्क, कार्डधारकों द्वारा अधिक खर्च करना, धोखाधड़ी का जोखिम आदि। इसके अतिरिक्त, कुछ अतिरिक्त खर्च भी हो सकते हैं जैसे वार्षिक शुल्क, विदेशी लेनदेन की फीस, नकद निकासी पर खर्च आदि। . क्रेडिट कार्ड से संबद्ध।