वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई? - vaigyaanikon ke anusaar prthvee kee utpatti kaise huee?

पृथ्वी की उत्पत्ति कब और कैसे हुई, यह एक गूढ़ प्राकृतिक रहस्य आज भी बना हुआ है। पृथ्वी की उत्पत्ति के विषय में मूल रूप से दो मत प्रचलित हैं-
(i) धार्मिक मत,
(ii) वैज्ञानिक मत।

धार्मिक मतानुसार पृथ्वी का निर्माण ईश्वर ने किया है तथा उन्हीं की इच्छा से सृष्टि का सृजन हुआ है।
वैज्ञानिक मतानुसार पृथ्वी का जन्म 400 करोड़ वर्ष पूर्व सूर्यपिण्ड (दहकते गोले) के एक नक्षत्र से टकराने और विखण्डन के परिणामस्वरूप हुआ। विखण्डन के परिणामस्वरूप कई गोले सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने लगे। पृथ्वी इन्हीं गोलों या टूकडों में से एक थी।
कालान्तर में भारी वर्षा के कारण वह ठण्डी होती गयी और उस पर एक ठोस धरातल का निर्माण हुआ।




वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई? - vaigyaanikon ke anusaar prthvee kee utpatti kaise huee?
पृथ्वी की उत्पत्ति


पृथ्वी का हिमयूग समय

निर्माण की प्रारम्भिक अवस्था में पृथ्वी आग के गोले के समान थी। कालांतर में यह शीतल हुई। पृथ्वी के ठण्डे होने के बाद करोड़ों वर्षों का 'हिमयुग' शुरू हुआ । करोड़ों वर्षों तक महाद्वीपों पर उसी प्रकार बर्फ जमी हुई थी जैसे कि वर्तमान में ग्रीनलैण्ड और अंटार्कटिका पर बर्फ जमी हुई है। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले 10 लाख वर्षों में पृथ्वी पर चार हिमयुग हुए। पहला हिमयुग आज से लगभग 6 लाख वर्ष पहले हुआ। इस युग में उत्तरी ध्रुव जमकर बर्फ हो गया और यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भागों में बडे-बड़े बर्फीले तल बन गये।

बर्फ की मोटी-मोटी परतों ने यूरोप, एशिया तथा अमेरिका के बहुत बड़े भागों को ढक लिया। इसी प्रकार के तीन अन्य हिमयुग भी हुए जिनके फलस्वरूप अटलाण्टिक महासागर का निर्माण हुआ और अमेरिका महाद्वीप युरोप से अलग हो गया। अन्तिम हिमयुग आज स लगभग 50 हजार वर्ष पहले आया था।
पृथ्वी पर प्राप्त चट्टानों के आधार पर पृथ्वी की आयु को पाँच भू-वैज्ञानिक कालों में बाँटा जाता है।


पृथ्वी के भू-वैज्ञानिक काल

1. पूर्व केम्ब्रियन युग

अत्यधिक गर्म होने के कारण धरती पर 120 करोड वर्ष
पूर्व तक जीव-जन्तु या पौधे उत्पन्न नहीं हुए।
कालान्तर में परिवर्तन के फलस्वरूप पृथ्वी
पर सबसे पहले जल में एककोशीय, हड्डीरहित, त्वचाविहीन जीवों का जन्म हुआ। इन जीवों
का शरीर माँस की चिपचिपी झिल्ली के समान
था। इस प्रकार पृथ्वी पर जीवधारी प्राणियों
का उद्भव हुआ।


2. उत्तर केम्ब्रियन काल

जीवों के क्रमिक विकास के कारण इस युग में कीट-पतंगे, बिच्छू।
और मेंढक पृथ्वी पर उत्पन्न हो गये।


3. केम्ब्रियन युग

जीवों का उत्तरोत्तर विकास होता गया। 60 करोड़ वर्ष से 21 करोड़ वर्ष के पूर्व तक जल में मेंढक एवं मछलियाँ, पेट के बल चलने वाले कीड़े तथा विभिन्न प्रकार के जलीय जन्तुओं का उद्भव हुआ।


4. ट्राईएसिक, जुरेसिक, क्रिटेशस युग

21 करोड़ वर्ष से 7 करोड़ वर्ष के पूर्व तक धरती पर अण्डज जीवों का विकास हो गया। इस युग के जीव-जन्तुओं में सॉप, कछुआ, मगरमच्छ आदि उत्पन्न हुए। इसी प्रकार धीरे-धीरे बड़े प्राणियों का विकास होता गया। इस युग का विशालकाय डायनासोर आधुनिक हाथी से भी बड़ा हो गया।
डायनासोर दो प्रकार के थे- एक वह जो माँसाहारी व दुसरे शाकाहारी।
अल्पविकसित मस्तिष्क व बदलती भौगोलिक परिस्थितियों के कारण ये धीरे-धीरे विलुप्त हो गये और उनका स्थान छोटे प्राणियों ने पुन: ले लिया।


5.सीनोजोइक

7 करोड़ वर्ष पूर्व से अब तक पृथ्वी पर विभिन्न जीव- जन्तुआी का विकास हुआ। इस काल में स्तनपायी जीवों का विकास हुआ। गगनमण्डल में पक्षी उड़ने लगे। धरती पर वनस्पतियो के साथ बन्दर, लंगूर, वनमानुष, नर-वानर आदि अस्तित्व में आये। यहाँ से प्राइमेंट्स' (नर-वानर ) का जन्म हुआ।


वानर से मानव बनने की प्रक्रिया 

आज का मानव इन्हीं का बंशज प्रतीत होता है। वास्तव में पेड़ो पर रहने वाले वानरों से ही आदिमानव विकसित हुआ।
आदिमानव धरती पर अपने दोनों पैरो पर खड़े होकर चलना सीखने लगा। धीरे-धीरे उसका दिमाग के आकार का विकास हुआ। इस प्रकार होमोसेपियन्स (Homosapiens) या 'ज्ञानी मानव' इस धरती पर प्रकट हो सका।
इस विकास में लाखों-करोड़ों वर्षों का समय लगा है। इस समय हम अन्तिम भूवैज्ञानिक युग सीनोजोइक (Caeno0zoic) में रह रहे हैं।
सीनोजोइक सम्पूर्ण भूवैज्ञानिक काल के 50वें भाग से भी छोटा है। तब भी इसकी गणना 7.50 करोड़ वर्षों से अधिक की है। भूवैज्ञानिक
काल की तुलना में मानवीय सभ्यता का सम्पूर्ण काल अत्यन्त छोटा है।

जीवों के क्रमिक विकास की प्रक्रिया का उच्चतम परिणाम मनुष्य है, जो स्तनपायी और रीढधारी दोनों है। डार्विन जो कि विकासवादी सिद्धान्त (Theory of Evolution) के प्रतिपादक हैं, ने बताया कि जीवों का विकास आकस्मिक न होकर क्रमिक विकास का फल है।
डार्विन के अनुसार, "एक-एक करके अनेक जीव-कोशों के संयोग से भिन्न-भिन्न प्रकार के जीवों की उत्पत्ति होती रही है।

विज्ञान के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई?

पृथ्वी के इतिहास का पहला युग, जिसकी शुरुआत लगभग 4.54 बिलियन वर्ष पूर्व (4.54 Ga) सौर-नीहारिका से हुई अभिवृद्धि के द्वारा पृथ्वी के निर्माण के साथ हुई, को हेडियन (Hadean) कहा जाता है। यह आर्कियन (Archaean) युग तक जारी रहा, जिसकी शुरुआत 3.8 Ga में हुई

हमारी पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ?

कालांतर गैस और धूल कण फिर पासपास आने लगे और ग्रह निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई. जल्दी ही ये गैस और धूल के कण मिलकर एक बड़ा आकार लेने लगे जबकि गैस और धूल के कण अब भी सूर्य का चक्कर लगा रहे थे. इन पिंडों से धूल और गैसे के कण और ज्यादा मात्रा मे जुड़न लगे और उनमें से एक पिंड आगे चल कर हमारी पृथ्वी बन गई.

वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी का निर्माण कब हुआ था?

पृथ्वी का भूवैज्ञानिक इतिहास इसके शैलों के स्तरों के अध्ययन के आधार पर निकाला जाता है। पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.54 बिलियन वर्ष पूर्व हुआ

पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई प्रश्न?

यह परिकल्पना 1904 ई. में चैम्बरलीन एवं मोल्टन के द्वारा प्रस्तुत किया गया। उनके अनुसार पृथ्वी एवं अन्य ग्रहो की उत्पत्ति सूर्य के साथ-साथ एक अन्य विशालकाय तारे के सहयोग से हुआ है। इस संकल्पना के अनुसार ग्रहो के निर्माण से पूर्व सूर्य ठोस कणो से निर्मित एक चक्राकार एवं शीतल तारा था।