नई दिल्ली। इस दुनिया का एक बड़ा ही साधारण सवाल है, जिसका सटीक जवाब किसी के पास नहीं था। लेकिन अब इसका जवाब मिल गया है। पृथ्वी पर सबसे पहले कौन आया, इसका जवाब मिल चुका है। जी हां, वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब दे दिया है कि इस धरती पर सबसे पहले कौन-सी चीज़ आई। हमने अक्सर ये प्रश्न सुने हैं कि धरती पर पहले इंसान आया या कुछ और। अब आगे से कोई आपसे ये सवाल पूछे तो आप इसका जवाब बड़ी ही आसानी से दे सकते हैं। Show हम और आपमें से कई लोग धरती के बारे में जानने को लेकर उत्सुक होंगे. मसलन धरती पर जीवन कब शुरू हुआ? यहां पानी कैसे आया? पृथ्वी पर बने इतने सागर और पानी के स्रोतों की उत्पत्ति कैसे हुई? धरती पर पानी की उत्पत्ति को लेकर एक ताजा रिसर्च सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि धरती पर पानी सौरमंडल के बाहरी किनारों से एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रहों के जरिए आया था. ल्यूक डेली ने जापानी स्पेसक्राफ्ट हायाबूसा द्वारा लाए गए एस्टेरॉयड्स के टुकड़े की जांच की थी. ये नमूने 2020 में एस्टेरॉयड रयुगु से वापस पृथ्वी पर लाए गए थे. जापान के स्पेस प्रोब हायाबूसा-2 ने 5.4 ग्राम के चट्टान और धूलकणों को जमा किया था. अमीनो एसिड शायद अंतरिक्ष में ही बने होंगे शोधकर्ताओं के एक समूह ने कहा है कि उन्हें ऐसे कार्बनिक पदार्थ मिले हैं, जिससे पता चलता है कि पृथ्वी पर जीवन के निर्माण में शामिल रहे अमीनो एसिड शायद अंतरिक्ष में ही बने होंगे. नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित रिसर्च में कहा गया है कि Ryugu के नमूने इस रहस्य को सुलझा सकते हैं कि अरबों साल पहले पृथ्वी पर महासागरों की उत्पत्ति कैसे हुई होगी. एस्टेरॉयड धरती पर पानी के मुख्य स्रोत सोमवार को प्रकाशित जापान और अन्य देशों के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि वाष्पशील और कार्बनिक तत्वों से भरपूर सी-टाइप के एस्टेरॉयड शायद धरती पर पानी के मुख्य स्रोत रहे होंगे. धरती पर कार्बनिक पदार्थों और पानी का पहुंचना अब भी एक बड़ी बहस का विषय है. लेकिन रायुगु के कणों में मिलने वाले कार्बनिक पदार्थ शायद इन वाष्पशीलों के एक प्रमुख स्रोत हैं. हालांकि उनका यह भी कहना है कि शुरुआती पृथ्वी पर वाष्पशीलों के पहुंचने के वे एकमात्र स्रोत नहीं रहे होंगे. इन नमूनों की चल रही जांच निश्चित रूप से प्रारंभिक सौर प्रणाली प्रक्रियाओं की हमारी समझ का विस्तार करेगी. हायाबुसा-2 को साल 2014 में लगभग 300 मिलियन किलोमीटर दूर ‘रयुगु' एस्टरॉयड की ओर लॉन्च किया गया था. आपको बता दें, पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है. 1.6 प्रतिशत पानी जमीन के नीचे है और 0.001 प्रतिशत वाष्प और बादलों के रूप में है. बर्लिन की हुम्बोल्ट यूनिवर्सिटी में क्रमिक विकास जीवविज्ञानी जॉन न्याकातुरा ने 2.9 करोड़ साल पुराने एक जीवाश्म के अध्ययन में कई साल बिताए. यह जीवाश्म मध्य जर्मनी की ब्रोमेकर की खदान से सन 2000 में मिला था. चार पैरों वाला यह शाकाहारी जीव डायनोसॉर से पहले धरती पर रहा था. वैज्ञानिक इसे लेकर बड़े रोमांचित रहते हैं और मानते हैं कि यह धरती पर रहने वाला बिल्कुल शुरुआती जीव था जो आगे चल कर आधुनिक स्तनधारियों, चिड़ियों और सरीसृपों में विकसित हुआ. वैज्ञानिकों का मानना है कि पहला उभयचर धरती पर 35 करोड़ साल पहले पैदा हुआ. इस जीवाश्म का नाम ओराबेट्स पाब्स्टी रखा गया है. न्याकातुरा कहते हैं, "यह बहुत खुबसूरती से संरक्षित और अच्छे से व्यक्त कंकाल है." इसके अलावा वैज्ञानिकों ने पहले से ही जीवाश्म में बदल चुके कुछ कदमों के निशानों को संरक्षित किया है. ये निशान 3 फीट लंबे किसी जीव के हैं. न्याकातुरा ने रोबोटिक्स के विशेषज्ञ कामिलो मेलो के साथ लुसान के स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एक मॉडल तैयार किया. इसके जरिए न्याकातुरा यह दिखाना चाहते थे कि करोड़ों साल पहले के शुरुआती जीव धरती पर कैसे चलते थे. इस रिसर्च के नतीजे साइंस जर्नल नेचर में छपे हैं. Brontoschorpio –क्या आपको पता है कि डायनासोर से भी 20 से 22 करोड़ साल पहले यानी आज से 44 साल पहले एक ऐसा बिच्छू पृथ्वी पर जन्म ले चुका था। जो कि आकार में बहुत बड़ा था माना जाता है कि यह बिच्छू आकार में 1 मीटर तक था और इस बिच्छू का नाम था ब्रॉन्टोस्कॉर्पियो। वैज्ञानिक बताते है कि आज से 44 करो साल पहले पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा बहुत ज्यादा थी इसलिए उस समय के जीव आकार में बहुत ज्यादा बड़े थे। dinocephlosaurus –इसी तरह एक जीव था जिसे माना जाता है कि ये डायनासोरस का पूर्वक था। इन्हीं जीवो से डायनासोर evolve हुए थे। इस जीव का नाम था dinocephlosaurus. पृथ्वी के कई भागों पर खास तौर पर चीन के दक्षिणी भाग में इस जीव के कुछ अवशेष मिले हैं जिसका अध्ययन करने पर पाया गया है कि इस जीव की गर्दन ही मात्र 18 से 20 फीट तक लंबी होती थी और इसी पानी में रहता था। यह जीव बहुत ही ज्यादा खतरनाक था और अपने शिकार को किसी भी कीमत पर छोड़ता नहीं था। माना जाता है कि इस जीव का अस्तित्व में आना आज से 25 साल पहले ही शुरू हो गया था। arthropleura –अपने कई सारी टांगों वाला वह जीव कनखजूरा देखा ही होगा. छोटा सा होता है मुश्किल से एक क्या 2 इंच के आकार नहीं होता है। पर क्या होगा अगर आप एक 8 फुट लंबे कनखजूरा जैसे जीव को देखेंगे। यकीन नहीं होता स्कॉटलैंड और नॉर्थ अमेरिका जैसे जगहों पर वैज्ञानिकों को ऐसे ही एक जीव का अवशेष मिला है, जो कि आज से 35 से 36 करोड़ साल पहले का है। जो कि डायनासोर के भी समय के पहले का है जीव का नाम है और arthropleura. पृथ्वी पर सबसे पहले किसका राज्य था?पृथु राजा वेन के पुत्र थे। भूमण्डल पर सर्वप्रथम सर्वांगीण रूप से राजशासन स्थापित करने के कारण उन्हें पृथ्वी का प्रथम राजा माना गया है।
करोड़ों साल पहले धरती पर किसका राज था?16 करोड़ साल पहले सिर्फ डायनासोर का ही धरती पर शासन था।
दुनिया में सबसे पहले किसका जन्म हुआ था?जैसे हिन्दू धर्म में मनु को पहला मानव बताया गया ठीक वैसे ही बाइबल अनुसार दुनिया का पहला मानव ऐडम था जो भगवान की परछाई थी और बिलकुल उनके जैसा दिखता था इन दोनों ही बातो को समझने से पता लगता है की वह मनु ही था जिसने इस दुनिया में पहला जन्म लिया।
डायनासोर से पहले इस धरती पर कौन रहता था?डेफोसॉरूस नामक यह जीव लगभग 300 करोड़ साल पहले धरती पर थे यह दिखने में छिपकली की तरह दिखते थे। मगर यह आकार में बहुत ही बड़े और विशालकाय हुआ करते थे। इनकी पूछ डायनासोर की तरह दिखती थी। इसकी लंबाई 3 से 11 फीट तक होती थी और वजन 300 किलो तक भारी हुआ करते थे इस जीव का सिर छोटा और शरीर का आकार बहुत बड़ा और विशालकाय था।
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