विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण PDF - vishv aadivaasee divas par bhaashan pdf

खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।

खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?

खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं?

खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं?

खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है?

an>

Title:    Regarding observing 9th August as Adivasi Diwas.

 श्री हरिश्चन्द्र चव्हाण (दिंडोरी) : माननीय अध्यक्ष महोदया, आज 9 अगस्त का दिन विश्व आदिवासी दिवस है। यह दिन आदिवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। संयुक्त रा­ष्ट्र संघ ने आदिवासियों के मानवीय अधिकारों के संरक्षण के लिए, आदिवासियों के जल, जंगल और ज़मीन पर अधिकार को स्थायी रूप से दिए जाने और आदिवासियों की विशे­ष पहचान, संस्कृति, अस्तित्व, अस्मिता और आत्मसम्मान हमेशा दिये जाने की व्यापक जनजागृति के लिए 23 दिसम्बर, 1994 को संयुक्त रा­ष्ट्र संघ की आम सभा में प्रस्ताव पारित किया।  उसके अनुसार 9 अगस्त, 1995 को पहला विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। तब से पूरे विश्व में आज के दिन यह आदिवासी दिवस मनाया जाता है।

          महोदया, मैं आपके माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्­िषत करना चाहता हूँ। महाराष्ट्र में आज कम से कम 1 करोड़ 40 लाख ट्राइबल पॉपुलेशन है। 1995 तक वहाँ बोगस आदिवासियों द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर नौकरियों में अतिक्रमण हो रहा है। 1995 तक 1 लाख से ज्यादा बोगस आदिवासी लोग आदिवासियों के नाम पर वहाँ रिक्रुटमैंट में आ गए हैं। मेरी आपके माध्यम से सरकार से विनती है कि बहुत अतिक्रमण वहाँ महारा­ष्ट्र के आदिवासियों का हो रहा है। अभी धनी समाज भी आदिवासियों में आ रहा है। आदिवासियों और धनी समाज की संस्कृति में ज़मीन आसमान का अंतर है।

यदि उन्हें इसमें प्रवेश दिया गया तो यह भारतीय संविधान के खिलाफ होगा। आपके माध्यम से मेरी सरकार से विनती है कि धनगड़ समाज को आप किसी भी सूची में आरक्षण दे दें। वहां के आदिवासी लोग धनगड़ समाज को आदिवासी की सूची में आरक्षण देने के विरोध में हैं, यह मैं आपके माध्यम से सरकार से विनती करना चाहता हूं।

HON. SPEAKER:  Dr. Heena Vijaykumar Gavit is permitted to associate with the issue raised by Shri Harishchandra Chavan.

PROF. A.S.R. NAIK (MAHABUBABAD): Thank you Madam for giving me this opportunity. मैडम, यहां पर आदिवासी की समस्या आने से पहले आज जो यहां से देखा है, what is the importance of 9th August? Why are we celebrating this festival? There are guidelines from a group of United Nations people. They have worked on these issues particularly on the tribal issues.  They have directed all the nations on 23rd December, 1994 to observe 9th August as an Adivasi Diwas. It is the International Adivasi day and I congratulate all the 12 crore Adivasi population of this nation and also the people who are outside the nation.

          मैडम, मैं बस एक मिनट में इसे बता देना चाहता हूं। अभी हमारे गृह मंत्री जी आदिवासी के बारे में बता रहे थे कि their role is very important for this country.

          Madam, since immemorial times, the adivasis are preserving and conserving the folk, culture and heritage of this nation without any script. They are continuing.

          Madam, now in this country, there are guidelines from the United Nations.  Why is this Government not implementing the guidelines of the United Nations to celebrate Adivasi festival as a State festival or the Nations festival?  Why are they not instructing the universities and also Tribal Welfare Department? The Tribal Welfare Department should implement this Adivasi Diwas? What is the importance of this Adivasi Diwas?  It is to protect and conserve the rights of the Adivasis. What kind of rights are they protecting? 

          Madam, there are many false certificates in this country?  They are not taking any initiation.  They are not observing it. They are not having any fast track system to identify the caste certificate. Some political leaders are also involved in this. They are coming to this House with false certificates. 

माननीय अध्यक्ष : श्री रामसिंह राठवा - उपस्थित नहीं।

          श्री लक्ष्मण गिलुवा - उपस्थित नहीं।

…(व्यवधान)

माननीय अध्यक्ष : बस हो गया। लम्बा भा­षण नहीं दीजिए। बात केवल हो गयी।

          दशरथ तिर्की जी।

          बस बधाई दे दीजिए और कल्पना कीजिए कि उनकी उन्नति हो जाए। लम्बा भा­षण नहीं।

श्री दशरथ तिर्की (अलीपुर द्वारस) : मैडम, हमें बोलने का जो आज सुअवसर मिला है, इसके लिए आपको धन्यवाद।

          आज ‘आदिवासी दिवस’ है। हमारे पार्लियामेंट हाउस के सभी सदस्यों को मालूम है कि सर्वोच्च न्यायालय ने देश के आदिवासियों को देश का प्रथम निवासी माना है। लेकिन, आज आदिवासियों के ऊपर बहुत अत्याचार हो रहे हैं, यह आप सभी को मालूम है। जगह-जगह हम लोग देख रहे हैं, पत्रिका में पढ़ने को मिलता है कि आज भी आदिवासियों को निगृहीत किया जा रहा है। हालांकि, आज पश्चिम बंगाल में हमारी माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो हम लोगों की दीदी हैं, वे आज भी हमारे आदिवासियों की उन्नति के लिए, उनके विकास के लिए बहुत मदद कर रही हैं। मैं सदन को और आपका ध्यान आकर्­िषत करने के लिए हमारे आदिवासियों की उन्नति के लिए आप क्या-क्या कदम उठाएंगे?

श्री विजय कुमार हाँसदाक (राजमहल) :  मैडम, आज ‘आदिवासी दिवस’ पर एक आदिवासी की तरफ से आपको और पूरे सदन को मैं झारखंडी जौहार देना चाहूंगा। मैं एक मुद्दा आपके समक्ष लाना चाहता हूं कि आदिवासियों का धर्म अलग हो सकता है, पर आदिवासियों की जाति आदिवासी ही होती है। लेकिन, जब पॉपुलेशन की गणना होती है, तो उसमें उनकी गणना ठीक ढंग से नहीं की गयी है। इसलिए इनका पॉपुलेशन कैलकुलेशन उनकी जाति के आधार पर हो और उसे ठीक ढंग से पेश किया जाए।

विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण कैसे दे?

इस विश्‍व आदिवासी दिवस (World Tribal day 2022) पर मैं आप सब का अभिवादन करता हूं 9 अगस्‍त को दुनिया में हर जगह पर इस दिन को मनाया जाता हैं विश्‍व आदिवासी दिवस आदिवासियों को समर्पित है आदि समय से रह रहे अर्थात पहला सभ्‍य मानव आदिवासी होता है जो कि निरन्‍तर अपनी अस्‍मिता को बचाने के लिए संघर्षशील रहा है।

विश्व आदिवासी दिवस 2022 थीम क्या है?

विश्व आदिवासी दिवस 2022 थीम, World Tribal Day 2022 Theme वर्ष 2022 में विश्व आदिवासी दिवस की थीम या विषय था: "पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका।" विश्व आदिवासी दिवस, 2021 का थीम या विषय था: “किसी को पीछे नहीं छोड़ना: स्वदेशी लोग और एक नए सामाजिक अनुबंध का आह्वान ।"

आदिवासी दिवस का मतलब क्या है?

विश्व आदिवासी दिवस (अंग्रेजी: International Day of the World's Indigenous Peoples), आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

पहला विश्व आदिवासी दिवस कब मनाया गया?

उसके अनुसार 9 अगस्त, 1995 को पहला विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। तब से पूरे विश्व में आज के दिन यह आदिवासी दिवस मनाया जाता है।