संस्कृत में रिश्तों के नामRelatives Name in Sanskrit Show Relatives Name in Sanskrit हिन्दी संस्कृत अतिथि- अतिथि:, अभ्यागत: (पुँ.) पिता- पिता, जनक:, तात: (पुँ.) माँ- अम्बा, माता, जननी (स्त्री.) भाई- भ्राता (पुँ.) बड़ा भाई- अग्रज: (पुँ.) छोटा भाई- अनुज: (पुँ.) सगा भाई- सहोदर: (पुँ.) चचेरा भाई- पितृव्यपुत्र:/पितृव्यज: (पुँ.) ममेरा भाई- मातुलपुत्र:/मातुलेय: (पुँ.) फुफेरा भाई- पैतृष्वस्रीय:/पैतृष्वसेय: (पुँ.) मौसेरा भाई- मातृष्वस्रीय:/मातृष्वसेय: (पुँ.) सौतेला भाई- विमातृज: (पुँ.) बहिन- भगिनी/स्वसा/सोदर्या (स्त्री.) बड़ी बहिन- अत्तिका/अग्रजा (स्त्री.) छोटी बहिन- अनुजा (स्त्री.) सगी बहिन- सहोदरा (स्त्री.) पति- पति:/भर्ता/वर: (पुँ.) पत्नी- अर्धाङ्गिनी/पत्नी/भार्या/ जाया (स्त्री.) चाचा- पितृव्य:/तातक: (पुँ.) चाची- पितृव्या,पितृव्याणी, पितृव्यपत्नी (स्त्री.) बड़े पापा- प्रतात:,ज्येष्ठतात: (पुँ.) बड़ी अम्मा- ज्येष्ठाम्बा,अम्बाला,प्राम्बा (स्त्री.) मामा- मातुल: (पुँ.) मामी- मातुली,मातुलानी (स्त्री.) मित्र- मित्रम् फूफा- पितृष्वसृपति: (पुँ.) बुआ (फुफू)- पितृष्वसा (स्त्री.) मौसा- मातृष्वसृपति: (पुँ.) मौसी- मातृष्वसा (स्त्री.) भौजी- भ्रातृजाया/प्रजावती/भामिनी (स्त्री.) साला- श्याल: (पुँ.) साला- पुत्र-श्यालज: (पुँ.) सरहज- श्यालिनी/श्यालपत्नी (स्त्री.) साली- श्याली/श्यालिका (स्त्री.) साढ़ू- श्यालिपति:, सढोक: (पुँ.) बहनोई- आवुत्त:/भगिनीपति: (पुँ.) देवर- देवर:, देवा (पुँ.) देवरानी- याता (स्त्री.) जेठ- ज्येष्ठ:, पत्यग्रज: (पुँ.) जेठानी- ज्येष्ठा (स्त्री.) ननद- ननान्दा (स्त्री.) नन्दोई- ननान्दृपति: (पुँ.) समधी- सम्बन्धी (पुँ.) समधिन- सम्बन्धिनी (स्त्री.) सास- श्वश्रू: (स्त्री.) ससुर- श्वसुर: (पुँ.) दामाद- जामाता (पुँ.) पतोहू- पुत्रवधू:, स्नुषा (स्त्री.) बेटा- पुत्र:,तनय:, सुत:, आत्मज: (पुँ.) सगा बेटा- औरस:,उरस्य: (पुँ.) बेटी- पुत्री, तनया,सुता,आत्मजा (स्त्री.) धेवता- दौहित्र:/नप्ता (पुँ.) धेवती- दौहित्री/नप्त्री (स्त्री.) पोता- पौत्र: (पुँ.) पोती- पौत्री (स्त्री.) परपोता- प्रपौत्र: (पुँ.) परपोती- प्रपौत्री (स्त्री.) भतीजा- भ्रातृव्य:/भ्रातृज:/ भ्रात्रीय: (पुँ.) भतीजी- भ्रातृसुता/भ्रातृव्या/भ्रातृजा (स्त्री.) भानजा- भागिनेय:/स्वस्रीय: (पुँ.) भानजी- भागिनेयी/स्वस्रीया (स्त्री.) दादा- पितामह: (पुँ.) दादी- पितामही (स्त्री.) परदादा- प्रपितामह: (पुँ.) परदादी- प्रपितामही (स्त्री.) नाना- मातामह: (पुँ.) नानी- मातामही (स्त्री.) परनाना- प्रमातामह: (पुँ.) परनानी- प्रमातामही (स्त्री.) प्रेमी- जार:/उपपति:/प्रेमी (पुँ.) प्रेमिका- प्रेमिका/उपपत्नी (स्त्री.) दोस्त- सखा/मित्रम् (नपुं.)/वयस्य:/ सुहृद् (वि.) / सार्थी (पुँ.) सहेली- आलि:/वयस्या/सखी/सहचरी (स्त्री.) मालिक- स्वामी (पुँ.) नौकर- भृत्य:/सेवक:/परिचारक: (पुँ.) नौकरानी- भृत्या/सेविका/परिचारिका (स्त्री.) आदमी- मनुष्य:,नर:, मानव: (पुँ.) मर्द- पुरुष: (पुँ.) मादा- मातृजातीया (वि.) महिला- महिला, ललना, नारी, स्त्री (स्त्री.) औरत- महिला (स्त्री.) जवान स्त्री- युवती/युवति: (स्त्री.) विधवा- विधवा, मृतभर्तृका (स्त्री.) सधवा- सधवा, सनाथा, सौभाग्यवती (स्त्री.) विधुर- विधुर: (पुँ.) सपत्नीक- सपत्नीक: (पुँ.) सुहागिन स्त्री- सौभाग्यवती स्त्री (स्त्री.) पतिव्रता स्त्री- पतिव्रता/साध्वी/ सच्चरित्रा (स्त्री.) कुँवारी कन्या का पुत्र- कानीन: (पुँ.) खानदानी- सगोत्र: (पुँ.) पति- पत्नी-दम्पती (पुँ., द्विव०) रिश्तेदार- ज्ञाति:, बन्धु: (पुँ.) घनिष्ठ- अन्तरङ्ग:, निकटतक: (पुँ.) दुलारा- प्रिय: (वि.), दुर्लालित: (पुँ.)
संस्कृत भाषा में बहन को क्या बोलते हैं?भगिनी, स्वसरः "बहन" का संस्कृत में शीर्ष अनुवाद है।
छोटी बहन को संस्कृत में क्या कहते है?छोटी बहन - अनुजा । भाई - भ्राता । बहन - भगिनी ।
मेरी को संस्कृत में क्या कहते हैं?Answer. मेरा नाम नेहा शर्मा है। मम् नाम: नेहा शर्मा अस्ति।
बहन के पति को संस्कृत में क्या कहते हैं?
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